💥☀️हिन्दू शब्द का शास्त्रीय अर्थ☀️💥
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●[[ शंकराचार्य मिमांसा भाग - 2 ]]●
भाग - 1 से शेष....
हिन्दुओ की एक प्रशस्त परिभाषा भी प्राप्त है माधवदिग्विजय के अनुसार - जिन महानुभाव में वेद के बीज मन्त्र ओंकार को मन्त्र के रूप में स्वीकार किया है , पुनर्जन्म में जिनकी आस्था है , जो गोभक्त , गंगाभक्त है और भारतीय परंपरा के वैदिक मनीषियों को अपना गुरु मानते है , और जितने हिंसक जीव है उनके दमन में वे दक्ष होते है साथ ही साथ क्षात्रधर्म के उदभाषक होते है , उनका नाम हिन्दू माना गया है ।
अगर हम विचार करके देंखे तो ऋग्वेद में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग किया गया है उसमे हि और न्दू दोनों शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ गोभक्तो के रूप में किया गया है ।
इस प्रकार मैंने कई उदाहरण के द्वारा बताया कि मुस्लिमो के द्वारा दिया गया यह निन्दावाचक शब्द नही है मुसलमान से पहले सिकंदर भारत आए थे उससे भी पहले पारसी ग्रंथो में हिन्दू शब्द का उल्लेख है।
भगवान वेदव्यास विरचित ग्रंथो में विविध मेदनी आदि कोषो में , कालिका आदि पुराणों में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग है ।
और अर्थ लगाने की एक प्रशस्त विधा है , जैसे आजकल भाजपा , सपा , बसपा कहते है , इसी शैली में प्राचीन प्रथानुसार ऋग्वेद में भी गोभक्त के रूप में हिन्दू शब्द का प्रयोग हुआ है , अथर्वेद में ज्यों का त्यों समुद्दित है , तो हिन्दू शब्द वैदिक , पौराणिक है , शब्दकोष में उपलब्ध है और विदेशी हिन्दू ही कहते रहे है , ऐसी स्थिति में हिन्दू , सिंधु और इंदु को पर्यायवाची माना गया ।
~●◆■☀️💥।। हर हर महादेव ।।💥☀️■◆●~
~●◆■💥☀️[[आर्यवर्त]]☀️💥■◆●~
फ़ोटो सोर्स ~ पिंटरेस्ट सोर्स
संकलन एवं रचनाकार ~ गौतम कोठारी "आर्यवर्त" ©®