💥☀️हिन्दू शब्द का शास्त्रीय अर्थ☀️💥
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●[[ शंकराचार्य मिमांसा भाग - 1 ]]●
मोहम्मद और ईसा से भी पूर्व हिन्दू और हिन्दु शब्द का प्रयोग सौम्य , सुन्दर , सुशिल , सुशोभित , दमशील और दुष्टदमन में दक्ष अर्थो में प्रयुक्त होता था ।
सिकंदर ने भारत में आकर हिन्दुकुश जिसका पर्याय हिन्दकुट पर्वत दर्शन की भावना व्यक्त की , पारसियों के ग्रन्थ शातिर में हिन्दू शब्द का उल्लेख है , अवेस्ता में हजारो वैदिक शब्द पाए जाते है , सिकंदर से भी सैकड़ो वर्ष पूर्व का यह ग्रन्थ है , उसमे हिन्दू शब्द का प्रयोग किया गया है ।
बलख नगर का नाम पहले हिंदवार था , 'स' और 'ह' का ऋग्वेद के अनुसार अभेद होता है इस दृष्टि से विचार करें तो भविष्य पुराण के अनुसार सिन्धुस्थान या हिन्दुस्थान या हिंदुस्तान के लिए हुआ है ,और आर्यो का यह उत्तम देश बताया गया है , साथ ही साथ कालकापुराण में हिंदवो शब्द का प्रयोग हुआ है , शारंगधर पद्धति में हिंदवो शब्द का प्रयोग हुआ लेकिन वेदमार्गीय कहकर वैदिक मार्ग पर चलने वाले हिन्दू कहे गए , आर्यो का नाम हिन्दू है , इंदु और सिंधु को पर्याय भी माना गया , दोनों संस्कृत के शब्द है ।
बृहस्पति आगम का हम अनुशीलन करे तो क्षेत्र का भी अंकन किया गया है , बृहस्पति आगम में स्पष्ट ही हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया गया है , साथ ही साथ महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में भी आर्यावृत को ही हिन्दुस्थान या सिन्धुस्थान के रूप में ख्यापित है ।
साथ ही साथ वृद्धस्मृति के अनुसार सदाचार तत्पर हो , हिंसा से सुदूर रहकर अराजक तत्वों के दमन में दक्ष हो , वेद , गोवंश का रक्षक हो , उसका नाम हिन्दू है ।
और साथ ही साथयह भी समझना चाहिए कि रामकोष और पारिजातहरण नाटक में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग हुआ है ।
शेष भाग 2 में पढ़िए