नापाक इरादों से जिनपिंग, तुम कभी बाज ना आओगे।
श्वेत कपोत नहीं नेहरू के, गुरु के बाजों को पाओगे।।
एक इंच भारत की धरती,क्या लड़कर हमसे ले लोगे।
मानसरोवर के बदले अब, बीजिंग भी अपनी दे दोगे।।
अगर समर की ठानी तुमने, लाशों के ढेर लगायेंगे।
तेरी रजधानी बीजिंग पर,भगवा ही सिर्फ दिखायेंगे।।
#बाज़