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12/07/2020
खोफ-ए-मंजर
कब तक करेगा तु जुल्म अपने ही भाई-बहनों पर !!
जन्म दिया है जिसने इस दुनिया वालो को ;
ना सताया है कभी भी उस ने अपने ही बनाए हुवे किसी बंदे को ।।
तो तेरी ओकत भी क्या है ए-नादान से बंदे ??
जैसा करेगा तु वेसा ही भरेगा अपने दामन में ।।
आज लाखो को तुने मौत के घाट उतारा है !!
कल तेरी भी मौत आएगी ये तुझे समझाना है ।।
चंद पैसों की लालच में किस कदर बिक चुका है तु !!
कल क़यामत के दिन ए-गुनेहगार बंदे !!
क्या इस की भरपाई तेरे जिस्म से ही कर पाएगा तु??
मत कर ए-नादान से बंदे तु किसी के साथ कुछ इस कदर गलत !!
आज तुने किसी की जिंदगी उसे छीनी है !!
कल तेरी भी बारी आएगी ये बात याद रखले तु।।
डर तु आज के इस माहौल के मंजर को देख कर !!
पहली मर्तबा २०२० आया है ।।
जो तु आज भी नहीं सुधरा तो ,
ये साल क़यामत के दिन तक हर साल आना है।।
Alfaz-E-Suhana ✍️✍️