' आत्महत्या '
कभी - कभी ' स्यूसाइड ' जैसी न्यूज़ सुनकर इंसान दंग सा रह जाता है ।
वैसे देखा जाए तो आजकल इन्सानो का रवैया भी कुछ अजीब सा हो गया है ।
किसी और का आपके प्रति नेगेटिव Attitude , आपके प्रति बोले गए Negetive शब्द , आपके प्रति उनका रवैया ... हर छोटी-छोटी बात सामने वाले पर असर करती है ।
आपकी किसी के प्रति ये सारी Negativity अच्छे से अच्छे मजबूत इन्सान को भी खोखला कर देती है ।
किसी भी इन्सान के प्रति आपका व्यवहार किस हद तक ठीक है ?
कुछ भी बोलते समय , या कुछ भी करते समय सोचते भी हो या नही ?
आपका अपना जो स्टेटस है , आपका अपना जो रुतबा है ..
क्या यही सिख देता है आपको ?
आत्महत्या कोई मजाक नही जनाब, पता नही उस व्यक्ति पर क्या बीतती होगी , वो किस हालात से गुज़र रहा होगा , वो तो खुद ही जाने ...
हर इन्सान इतना मजबूत नही होता , शायद ताने सुनसुन कर भी अंदर से बिखर सा जाता है , टूट सा जाता है ।
किसीके जाने के बाद फालतू की अटकलें लगाना बेकार है ।
अब किसीकी जिंदगी वीरान हो चुकी है । जो बेवजह अपने सपनो को चकनाचूर कर के चिरनिंद्रा में सो गया है ।
:- मनिषा हाथी