राहों में चलते चलते
बीते कल से यूं मुलाकात हुई।
हां या ना, क्या कुछ बात हुई?
हां,कुछ यादें ताजा हुई, कुछ बातें साझा हुई,
फिर भी वह बात कहां नई,
क्योंकि अब तो दौड़ थी नई।
राही वन कुछ कदम ही चले हम,
पर हां कुछ पल संग तो चले हम।
वक्त ने खुद को यूं दोहराया,
बीते कल को सामने लाया।
दोनों मिले बातें भी हुई,
मगर सिमटकर रोते हुए।