# हिंदी #कविता
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अजीब है जिन्दगी,
अजनबी करवट लेती है,
ना जाने कब से टहल रही होगी,
ना जान कब सुकून पायेगी ।
अनकही, अनसुनी मनमानी है,
जिन्दगी तेरी क्या कहानी है ।
जबसे होश संभाला है,
तबसे बस चारोओर खुशिया है ।
ज़िन्दगी तेरे हर मोड पर कोई
नई कहानी है ।
सोनल सुनंदा श्रीधर
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#अनकहा