डरना नही झुकना नही चलते रहो बढ़ते रहो,
इस जिंदगी की राह में, कदम तेरे डगमगाएँगे।।
गर रुक गए या झुक गए, निराश गर तुम हो गए,
फिर ना कभी उठ पाओगे, सपने अधूरे रह जाएंगे।
मिली बड़े जतन से है, मानव जनम धरती पे रे,
कुछ कर दिखाओ आज ही, फिर वक्त न मिल पाएंगे।
चाहे आंधी या तूफान हो, अटकी पड़ी तेरी जान हो,
बढ़ते रहो मंजिल तरफ, सारे फासले मिट जायँगे।
दिन में धधकती गर्मी हो, या रात का अंधियारा हो,
तू निडर भयभीत न होना, सारे रास्ते मिल जाएंगे।
कुछ कर दिखाने की मोहलत, मिली है इष्ट देव से जो ,
ऐसा जलवा करतब दिखा, सब देखते रह जाएंगे।
हे वीर मेरे भारत के, नमन तुम्हे इस भक्त का,
हम प्यार बहुत करते है दुआएँ भर भर दे जायँगे।।।।
शैल....
गोरखपुरी..