वो वक़्त था सो गुज़र गया,
वो सूरज भी आसमां से उतर गया,
कल को बेहतर करने की फ़िक्र में,
'आज' हाथ से फिसल गया!!
कभी कोई ज़िंदगी में आएगा,
कभी कोई ज़िंदगी से जाएगा,
वो हर एक शख़्स मुसाफ़िर था,
जो ज़िंदगी की ट्रेन से उतर गया!!
कुछ रिश्ते यूँही बन गए,
कुछ यूँही बिखर गए,
कुछ पक्के रंग से गहरे हो गए,
और कुछ का बेवक़्त रंग उतर गया!!!!