# काव्योत्सव 2
??? भारत ???
पाँव पखारे जहाँ जलधि वह विश्व में एक धरा है ये भारत,
बाँह पसार के तान के सीना उठाकर शीश खड़ा है ये भारत |
धारण ताज हिमालय का कर राजाधिराज बना है ये भारत,
संस्कृति के सर्वोच्च शिखर पर एक ही देश हुआ है ये भारत |
भारत राम और कृष्ण की भूमि है, नानक औ' रहमान है भारत,
ग़ालिब, मीर, कबीर, रहीम सभी रस का रसख़ान है भारत |
वीर पितामह भीष्म हुए यह वीरों की आन और शान है भारत,
गूँज सुनाई दे मन्त्र अजान की वेद पुरान कुरान है भारत |
पत्थर ,भूमि,पहाड़,नदी को भी मानव रूप दिलाता है भारत,
ज्ञान की खोज में जो भटके हैं उन्हें सही राह बताता है भारत |
मानव धर्म बड़ा है सभी से करें सभी प्यार सिखाता है भारत,
आदिम काल से आज तलक यह पाठ जहाँ को पढाता है भारत |
मानव-मूल्य और मानव जीवन की बहुमूल्य धरा है ये भारत,
पाँव पड़े जब भागीरथी के तो पावन और हुआ है ये भारत |
आकर जन्नत को रहना हो तो एक उपाय कहा है ये भारत,
शाम सुबह वह मन्त्र जपे यह भारत, भारत, भारत, भारत |
विजय तिवारी, अहमदाबाद
मोबाइल - 9427622862