"घर से निकलने से पहले"
तुम्हारी याद,तुम्हारा ख्याल,
कहे-अनकहे सारे जवाब,
सुने-अनसुने सारे सवाल,
वो तुम्हारा गुस्सा
वो बेवजह का झगड़ा...
वो मेरा खामखां झुकते ही जाना,
और तुम्हारा लगातार उठते ही जाना,
वो तुम्हारा बड़ा भारी अहंकार,
वो दबा-कुचला हुआ
हमारा मासूम सा प्यार
वो हमारा साथ जिसकी
बस रह गई याद.....
हर सुबह घर से निकलने से पहले
मुद्दतों से यही सब रहता है साथ...