Hindi Quote in Book-Review by Agyat Agyani Vedanta philosophy

Book-Review quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

✧ वेदांत 2.0 — अध्याय 8 ✧

सत्य से सबसे ज़्यादा डर किसे लगता है?

सत्य धार्मिक को नहीं भाता —
क्योंकि सत्य आते ही
उनका बनाया हुआ झूठ
उनकी कुर्सी
उनका व्यवसाय
सब समाप्त हो जाता है।

विज्ञान जब सत्य लाता है —
तो दुनिया बदलती है।

धर्म जब “विश्वास” लाता है —
तो वही दुनिया
जड़ और भयभीत बनी रहती है।

---

धार्मिकता = स्वप्न

वेदांत 2.0 = अनुभव

धार्मिकता कहती है:
“मानो, बिना पूछे मानो!”

वेदांत 2.0 कहता है:
“देखो, अनुभव करो —
जो झूठ है वह अपने-आप गिर जाएगा।”

इसलिए:

धार्मिक व्यक्ति सत्य देखते ही डरता है
वैज्ञानिक व्यक्ति सत्य देखते ही खिलता है

---

सत्य किसका शत्रु है?

सत्य → अहंकार का शत्रु
सत्य → पाखंड का शत्रु
सत्य → व्यवसाय का शत्रु

धर्म ने
जीवन का सौदा कर दिया —
मोक्ष, पुण्य, भगवान, चमत्कार बेच दिए।

जबकि अनुभव में मिलता है:
• आनंद — अभी
• शांति — अभी
• प्रेम — अभी
• जीवन — अभी

---

धर्म का खेल कैसे चलता है?

धर्म:
“अभी नहीं — बाद में मिलेगा।”
यही भरोसा,
यही डर,
यही स्वप्न —
धार्मिक बाज़ार की पूँजी है।

और जिसने अभी का स्वाद चख लिया —
वह किसी बाज़ार में नहीं टिकता।

---

सत्य — मृत्यु किसकी?

> सत्य आने पर
व्यक्ति नहीं —
व्यक्ति का झूठ मरता है।

धार्मिक इसे अपनी मृत्यु समझ लेते हैं।
क्योंकि उनका अस्तित्व
झूठ की ही नींव पर टिका होता है।

वेदांत 2.0 कहता है:
“अहम् मरता है — अस्तित्व प्रकट होता है।”

---

क्यों वैज्ञानिक इसे स्वीकार करेगा?

क्योंकि:

✓ यह अनुभव है
✓ यह मनोविज्ञान है
✓ यह ऊर्जा-विज्ञान है
✓ यह पुनरुत्थान है
✓ यह प्रत्यक्ष प्रमाण है

विज्ञान सत्य की भाषा समझता है —
धार्मिक “मेरा” भगवान।

---

स्त्री इसे तुरंत समझ जाती है

स्त्री
हृदय में जन्मती है
इसलिए उसे सत्य को
सोचना नहीं पड़ता —
वह महसूस कर लेती है।

धार्मिक पुरुष
अहंकार में जन्मता है
इसलिए उसे सत्य
भय देता है।

---

अंतिम सार

> जहाँ सत्य है — वहाँ कोई धर्म नहीं
जहाँ धर्म है — वहाँ सत्य अक्सर अनुपस्थित

वेदांत 2.0
धर्म को नहीं गिराता,
धर्म के भीतर जीवन को जगाता है।

---

एक सीधी घोषणा

धार्मिक कहेगा:
“यह नास्तिकता है!”

वैज्ञानिक कहेगा:
“यह परम-आस्तिकता है!”

और अनुभव कहेगा:
“यह सत्य है।”

---

वेदांत 2.0 का महावाक्य

> जिस सत्य से धर्म डरता है —
उसी सत्य की रक्षा विज्ञान करता है।

Hindi Book-Review by Agyat Agyani Vedanta philosophy : 112007367
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now