लिखूं सोचता हूं क्या लिखूं,
जज़्बात लिखूं, ख्याल लिखूं,
विचार लिखूं,या फिर खुद को लिखूं,
लिखा के मेरे हर पहलू में तुम शमिल हो,
सोच की शुरुवात तुम हो,
ख्याल भी तुमसे सुरु होता हैं,
जज़्बात में तुम ही तुम हो,
विचार तो बाद की बात है,
हर सांस में तुम बसी हों...
बस सिर्फ़ तुम...
- Kamlesh Parmar