ख्वाबों का आशियां अगर बिखर जाए तो
हकीकत में ख्वाबों के तिनके समेट लूंगी.....
समुंदर अगर ठहरा रहा तो
किनारे बैठ कर कुछ सवाल खुद से पूछ लूंगी ......
माना बेख्याली में बुने गए सपने हकिकत नही होते हैं
पर थोड़ा ठहर कर तुम्हारी आंखों में देखते हुए तेरा जवाब भी सुन लूंगी ........
Manshi K