वक्त की बात क्यों करूं मैं ?
एक तेरे साथ होने से ही
सारे ख्वाब भी हकीकत लगता है....
कोरे कागज़ की बात क्यों करूं मैं?
बिना स्याही के ही सारे लब्ज़
दिल पे लिखा नजर आता है......
खैर छोड़ो! बिखरे शब्दों से
सिफारिश क्यों करना हमे ?
एक तेरे होने से ही
अधूरी पंक्ति भी पूरा लगता है.......
Manshi K