।।तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
"अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरं।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
"गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।"
गुरुपूर्णिमा के पुनीत पर्व पर
परम वंदनीय ,आदरणीय श्रद्धा मूर्ति,स्नेह सागर, ज्ञान रश्मि प्रदाता, अनंत उपकारी गुरुदेव को सादर नमन।
परम वंदनीय गुरु जी का अलौकिक आभामंडल और ज्ञान सुधी जनों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।
गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
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