तू उदास और रूठा रूठा सा लगता है
कोई मानने का तरकीब तो बता दे
सच में, मैं खुद को गिरबी भी रख दूंगी
बस तु मुस्कुराने की कीमत तो बता दे ........

कभी नाराज़गी हो मुझसे अगर तो
मुझे माफी मिलने का तरकीब तो बता दे
सच में, रो कर हंस पड़ूंगी मैं
बस तु मुस्कुराने की कीमत तो बता दे ........

-Manshi K

English Shayri by Manshi K : 111942571
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