जब भी कभी कोई महान व्यक्तित्व उदासी की चादर ओढ़ता है तो देखने वालों की नजर में पराजित सा दिखाई पड़ता है किन्तु सत्य यह है कि वह संध्या के सूर्य सम रात्रि बीतने का इंतजार करता है और पहले से अधिक ताप ऊर्जा से कर्मभूमि पर कुछ अंकित करके जाता है ।
-Ruchi Dixit