मकर संक्रांति पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां।
मकर संक्रांति सूर्य भगवान जी को समर्पित है। इसे
सौर पूजा कहते हैं। इसे तिला संक्रांति त्यौहार के
नाम से जाना जाता है। देश भर में यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। घर घर में
तिल और गुड़ के लड्डू बनाते हैं। आज के दिन सूर्य भगवान जी के चरणों में जल अर्पित करते हैं।
तिल, चावल , गुड़ , दही , चूड़ा प्रसाद चढ़ाते हैं।
इसे खिचड़ी पर्व भी कहते हैं।
आज के दिन खिचड़ी बनाने की परंपरा है।
खिचड़ी दान करते हैं। स्नान करने के बाद तिल, चांवल, चूड़ा और दही, गुड़ दान दक्षिणा देकर कृतकृत्य होते हैं। पंडित जी को यथासंभव दान दक्षिणा देते हैं। आज गर्म कपड़े , कंबल, उड़द दाल,
चांवल , गुड़ ,वस्त्र आदि दान देते हैं ।
गंगा स्नान आज करने का विधान है। यदि संभव नहीं हो गंगा स्नान तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान
किया जाता है। ऐसा करने पर वही फल प्राप्त होता है। अलग अलग जगहों पर अलग नामों से यह त्यौहार मनाया जाता है। जैसे - पोंगल , बिहु , उत्तरायण आदि।
आज के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
आज से दिन बड़े और रात छोटे होते हैं।
मकर संक्रांति का त्यौहार सभी लोगों को सकारात्मक ऊर्जा देकर नकारात्मक ऊर्जा को
दूर करता है।
मकर संक्रांति त्यौहार पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां मातृभारती मंच पर आसीन सभी लोगों को।
जय जय भगवान भास्कर जी कोटि-कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha