🦋...SuNo
निगाह- ए- नाज़ उठाओ तो कोई
बात बनें,
सुकूँ-ए-दिल को चुराओ तो कोई
बात बनें,
मेरे आगोश में बाँध दो वो कीमती
लम्हें, वक्त का साथ निभाओ तो
कोई बात बने,
मैं नंगे पाँव भी चल कर के आऊँ
वादा है,
बस इक आवाज लगाओ तो
कोई बात बने,
शाम ढलते ही घेर लेते हो खयालों
में, कभी तुम सामने आओ तो
कोई बात बने,
तुम्हारें कदमों में हमने जमीं बिछाई
है, आसमाँ तुम भी झुकाओ तो
कोई बात बने,
भटक रहे हैं जो गम की अंधेरी
गलियों में पता मंजिल का
बतलाओ तो कोई बात बनें,
भुला "ज़ख्मी"को,तुम तो चैन से
सोते होगे,
याद मुझको भी न आओ तो कोई
बात बने...🥀🖤
╭─❀🥺⊰╯
╨────────━❥
•ज़ख्मी 💔 दिल•••🥀
══━━✥ ❉ ✥━━══