“मंदिर-मस्जिद को जरूर तोड़ो"
बुल्ले शाह कहते हैं”
मंदिर-मस्जिद को जरूर तोड़ो"
बुल्ले शाह कहते हैं
"प्यार से भरा दिल मत तोड़ो
इस दिल में बसता है प्यार"
जिससे आपकी परवरिश हुई है
जिससे आपकी परवरिश हुई है
उसमें चांदी तोलें नहीं
तौबा, मेरी ना, ढोलना, मैं नहीं बोलता
हाँ, बोलो मत, मैं नहीं बोलूँगा
हां, मैं नहीं बोलूंगा, ढोलकिया, मैं नहीं बोलूंगा
तौबा, मेरी ना, ढोलना, मैं नहीं बोलता
आग और इच्छा दोनों एक ही हैं
आग को पानी से बुझा दें
आग और इच्छा दोनों एक ही हैं
आग को पानी से बुझा दें
आशिक कि जब आंसू निकल आए
और आग लग जाती है
मुझे अपने सामने बैठकर रोने दो
हां, मुझे अपने सामने बैठकर रोने दो
दिल का धुकरा नहीं कोलना
ढोल बज रहा है, मैं नहीं बोलता
हाँ, बोलो मत, मैं नहीं बोलूँगा
मैं नहीं बोलूंगा, ढोलकिया, मैं नहीं बोलूंगा
तौबा, मेरी ना, ढोलना, मैं नहीं बोलता
मैं नहीं बोलूंगा, अरे, मैं नहीं बोलूंगा
मैं नहीं बोलूंगा
मैं नहीं बोलूंगा, मैं नहीं बोलूंगा
ढोल बज रहा है, मैं नहीं बोलता
मैं नहीं बोलूंगा, मैं नहीं बोलूंगा
मैं नहीं बोलूंगा, मैं नहीं बोलूंगा
मैं नहीं बोल रहा हूं, मैं नहीं बोल रहा हूं