Quotes by Lalit Kishor Aka Shitiz in Bitesapp read free

Lalit Kishor Aka Shitiz

Lalit Kishor Aka Shitiz Matrubharti Verified

@lk2433554gmail.com182641
(27)

dedicated to all corporate employees and their managers............
"छुट्टी दे दे रे मैनेजर"

छुट्टी दे दे रे मैनेजर,
तेरे घर का क्या जाएगा,
इंसान हैं हम भी,
थोड़ा ब्रेक ले लेंगे तो,
थोड़ा breathe कर लेंगे तो,
तेरी productivity नहीं रुक जाएगी!

मीटिंग on मीटिंग, फिर मीटिंग के बाद मेल,
Same चीज़ repeat हो, फिर भी बोले "Let’s scale!"
"Circle back," "Sync up," "Revisit once more,"
भाई, पहले खुद तो समझ, फिर दे मुझे कोई टास्क और!


Performance rating से दिल रो रहा,
Increment के नाम पर joke हो रहा,
Weekend की प्लानिंग कर भी लें,
तो Sunday शाम को mood खो रहा!

Appraisal के दिन fortune cookies मिली,
पर उसमें भी लिखा था—"Next year, buddy!"
KPI, KRA सब कुछ तो सॉलिड था,
फिर भी बोले—"Work-life balance थोड़ा और valid था!"

पिंग मत कर, DND लगा दिया,
Reply seen करके ignore कर दिया,
Laptop बंद, दुनिया shutdown,
अब Office की tension को mute कर दिया!

लीव एप्लिकेशन भेजी, दिल से hope लगाई,
HR ने देखा, "Not Recommended" की mail थमाई,
बोली—"Business requirement समझो,"
हम बोले—"Self-care भी कोई चीज़ होती है भाई!"





डेस्क पर बैठे बैठे बोर हो गए,
पर Team Outing के नाम पर ओर हो गए,
पिज़्ज़ा के दो स्लाइस देकर बोले—
"Enjoy karo, budget में जोर हो गए!"


एक छुट्टी बोला तो
वीक ऑफ थमा दिया
2 लीव apply करी तो
सैंडविच के जाल में फंसा दिया

Work से ज्यादा life जरूरी है,
तेरा टारगेट, तेरी डेडलाइन,
पर मेरी भी तो कुछ मजबूरी है!

कंपनी बड़ी होगी, profit भी बढ़ेगा,
पर burnout का कोई bonus नहीं मिलेगा,
तो कभी तो human बन, थोड़ा सा मुस्कुरा,
छुट्टी approve कर, दिल से दुआ मिलेगा!

छुट्टी दे दे रे मैनेजर,
तेरे घर का क्या जाएगा,
इंसान हैं हम भी,
थोड़ा ब्रेक ले लेंगे तो,
थोड़ा breathe कर लेंगे तो,
तेरी productivity नहीं रुक जाएगी!






Written by: Lalit Kishor Shitiz
Date: April 10, 2025

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छुट्टी दे दे रे मैनेजर,
तेरे घर का क्या जाएगा,
इंसान हैं हम भी,
थोड़ा ब्रेक ले लेंगे तो,
थोड़ा breathe कर लेंगे तो,
तेरी productivity नहीं रुक जाएगी!

मीटिंग on मीटिंग, फिर मीटिंग के बाद मेल,
Same चीज़ repeat हो, फिर भी बोले "Let’s scale!"
"Circle back," "Sync up," "Revisit once more,"
भाई, पहले खुद तो समझ, फिर दे मुझे कोई टास्क और!


Performance rating से दिल रो रहा,
Increment के नाम पर joke हो रहा,
Weekend की प्लानिंग कर भी लें,
तो Sunday शाम को mood खो रहा!

Appraisal के दिन fortune cookies मिली,
पर उसमें भी लिखा था—"Next year, buddy!"
KPI, KRA सब कुछ तो सॉलिड था,
फिर भी बोले—"Work-life balance थोड़ा और valid था!"

पिंग मत कर, DND लगा दिया,
Reply seen करके ignore कर दिया,
Laptop बंद, दुनिया shutdown,
अब Office की tension को mute कर दिया!

लीव एप्लिकेशन भेजी, दिल से hope लगाई,
HR ने देखा, "Not Recommended" की mail थमाई,
बोली—"Business requirement समझो,"
हम बोले—"Self-care भी कोई चीज़ होती है भाई!"





डेस्क पर बैठे बैठे बोर हो गए,
पर Team Outing के नाम पर ओर हो गए,
पिज़्ज़ा के दो स्लाइस देकर बोले—
"Enjoy karo, budget में जोर हो गए!"


एक छुट्टी बोला तो
वीक ऑफ थमा दिया
2 लीव apply करी तो
सैंडविच के जाल में फंसा दिया

Work से ज्यादा life जरूरी है,
तेरा टारगेट, तेरी डेडलाइन,
पर मेरी भी तो कुछ मजबूरी है!

कंपनी बड़ी होगी, profit भी बढ़ेगा,
पर burnout का कोई bonus नहीं मिलेगा,
तो कभी तो human बन, थोड़ा सा मुस्कुरा,
छुट्टी approve कर, दिल से दुआ मिलेगा!

छुट्टी दे दे रे मैनेजर,
तेरे घर का क्या जाएगा,
इंसान हैं हम भी,
थोड़ा ब्रेक ले लेंगे तो,
थोड़ा breathe कर लेंगे तो,
तेरी productivity नहीं रुक जाएगी!






Written by: Lalit Kishor Shitiz
Date: April 10, 2025

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मैं डरता नहीं किसी भूत प्रेत न किसी श्राप से
मैं डरता नहीं ग़रीबी से न कंगाली के जाल से
यह सब तो बदले जा सकने वाले हालात है
यह सब तो चंद चूहों की करामात है

मैं डरता हूं उस भक्षक से
जो कहता खुद को रक्षक है
मैं डरता उस अभिनेता से हूँ
पुकारते जिसे सब नेता हैं
- Lalit Kishor Aka Shitiz

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एक सुबह चाय की टपरी पर दो लोग बहस कर रहे थे जिनमें से एक (अंशुल) कहता है "इंसान को डरना नहीं चाहिए डर कमज़ोरी की निशानी है अगर हम डर जाते हैं तो हम समझदारी की टोकरी में दिखावटी मेहनत लिए होते हैं जो क्षण भर में भंगुर हो जाती है"
तभी सामने किशोर चाय का सबड़का लेते हुए कहता है "डर जरूरी है बिना डर के हम शायद सामने वाले को कम समझने की गलती कर बैठते है जो बाद में हमे भारी पड़ सकती है इसलिए डर जरूरी है और बिल्कुल जरूरी है"
अंशुल सिगरेट का धुआं छोड़ते हुए किशोर से कहता है "तुम्हे किससे डर लगता है फ़िर, भूत प्रेत पिशाच या अंधेरे से या कंगाली से या गरीबी से कौनसे श्राप से तुम डरते हो "
किशोर हल्का सा मुस्कुरा कर कहता है

मैं डरता नहीं किसी भूत प्रेत न किसी श्राप से
मैं डरता नहीं ग़रीबी से न कंगाली के जाल से
यह सब तो बदले जा सकने वाले हालात है
यह सब तो चंद चूहों की करामात है

मैं डरता हूं उस भक्षक से
जो कहता खुद को रक्षक है
मैं डरता उस अभिनेता से हूँ
पुकारते जिसे सब नेता हैं

अंशुल हंसता है और सिगरेट को पैरों से कुचल कर बाइक पर सवार हो चला जाता है, किशोर सिगरेट को देखता है कुचलने के बाद भी उसमें से धुंआ निकल रहा होता है तभी कोई गुटके का पीक थूकता है सिगरेट बुझ जाती है धुंआ भी धुंधला सा जाता है, एक लड़का फिर एक सिगरेट जलाता है फिर कुचल कर चला जाता है.........

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wish you happy holi to all my readers and friends........i wish you all have life full of Colors 🌈...

dream will come true.............

"परिस्थितियों की आँच में ही
अनुभव की रोटियाँ सिकती हैं,
कुछ अधपकी रह जाती हैं,
कुछ जल भी जाती हैं।
यह सब इस पर निर्भर करता है
कि रोटी कब पलटी गई,
और आग की लपटें कितनी तेज़ थीं।"




- Lalit Kishor Aka Shitiz

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नमस्ते दोस्तों आज इंस्टाग्राम पर भी नया अकाउंट बनाया हैं, आप सभी से आग्रह रहेगा अपना कीमती समय निकाल कर इससे जुड़े.......

https://www.instagram.com/lalitkishorshitiz?igsh=em1qamI4eXlpZ2E5

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घराने बिखर कर घर बन रहे
घर बिखर कर बने मकान
मकान टूट कर बन रही दुकानें
नए शहर की यही पहचान
- Lalit Kishor Aka Shitiz

सुख समृद्धि यश कीर्ति
इनका कोई अर्थ नहीं
अनुभव सार है संपूर्ण जीवन का
जीवन जीना व्यर्थ नहीं
- Lalit Kishor Aka Shitiz