हैप्पी मदर्स डे।
विश्व की माताओं को हैप्पी मदर्स डे पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां।
आइए आगे बढ़िए ना हैप्पी मदर्स डे मनाते हैं।
विश्व स्तर पर मां की ममता के लिए दो शब्दों
की प्रस्तुति देकर मां की पहचान को नमन करती हूं।
मां है महान जग में मां से ही है हमारी पहचान जी।
मां होती है जीवन का आधार बच्चों के लिए
दुनिया जहान जी।
मां की ममता का मोल आंकने के लिए शब्द नहीं है।
बड़ी अनमोल उपहार है ईश्वर की मां जो सृजन शक्ति
की परिभाषा को परिभाषित करती है। मां की पूजा
करने की इच्छा है पर ऐसे फूल और ऐसी प्रार्थना गीत
कहां से बनाऊं जो दिवा निशि बन जाए जीवन गान।
जीवन गान समर्पित हो विश्व की माताओं को यही कामना है मेरी।
मां ही पूजा है मां ही प्रार्थना है मां ही है आराधना मेरी। मां के चरणों में सारे तीर्थ धाम हैं हर दिन दर्शन
करुं तेरी। मां आंचल की शीतल छाया में बच्चों सुकोमलता का आभास करा देती है। मां से ही हमारा
जीवन है मां ही हमारा मान सम्मान है। मां ममता का
शाही गुलाब है जो जिंदगी का फलसफा सिखाती
बेहिसाब है। मां मील का पत्थर साबित होती है।
मां कहां हम बच्चों की नजरों से दूर होती है।
मां हम बच्चों की मित्र है जो साथ रहती बनकर
इत्र है। महकाती है ममता के सुवास से बच्चों का
दामन। आइए मां को करते हैं नमन गंगा जल से करके
आचमन। आंधी हो या फिर तूफान मां से होती है
बच्चों की शान। मां हमारे लिए है ईश्वर का वरदान।
मां की ममता का नहीं कर सकते हैं हम बखान।
देवी भगवती को मां कहते हैं ।जगद्धात्री देवी को
मां कहते हैं। सब माता रानी को मां कहते हैं ना।
मां जननी है ।मां वैतरणी है। मां आनंदमई है।
मां करुणामई है। मां स्नेहमयी होती है। मां तो सबके लिए प्रेम मयी होती है। मां स्नेह का उपवन हैं।
स्नेह का सदाबहार उपवन की शोभा बढ़ाती मां है।
मां वट वृक्ष का सघन आच्छादन देती है जो
हर आने वाले तूफानों से बच्चों को बचाती है। मां
मां बच्चों की रक्षा के लिए चीन की दीवार बनकर
खड़ी हो जाती है। मां ही मेरी थाती पूंजी है ।
मां जीवन की कुंजी है। जीवन तेरे नाम मां।
तेरे बिना जीवन का क्या काम मेरी मां। मां से सजा हुआ है घर द्वार। धरती पर मां ही होती है करतार।
पत्ते पत्ते में बसा हुआ है मां प्यार तेरा। जिस पत्ते
को छूकर दिखाया था तुमने वो था बांस का पत्ता जो
गुच्छे में होता है। तुम बांस के पत्ते से पूजा के जल के
छींटें देकर कहती रहना सदा अजर अमर और सुरक्षित
आरक्षित। ना होना तुम कभी भी दुःख से दुखित।
सचमुच मां तेरा प्रेम होता था बड़ा स्नेह सिक्त ।
धैर्य बंधाती साहस देती जीवन की ज्योति जलाती तुम मां मेरी। आत्म शक्ति और आत्म बल देकर सबल बनाती हमें और आश्वासन का देती
भंडार। मां मां करती रहूं मां तुम हो करुणा का आगार।
प्रेम का पारावार है तू मां बच्चों का अरमान
तू ही होती है मां। तुम्हें छोड़कर कहां जाऊं मां।
ममता का सिंधू तुम गगन का इंदु तुम।
माता पिता सखा और बंधु तुम।
कौन कर सके मुकाबला मां का बोलो जी।
मन के पाप ताप संताप हर लेती तुम
बोलती थी सदा मीठी मीठी बोली जी।
बनकर रहती कभी मां हमजोली जी।
सिखाती हमें गीतों की हंसी और ठिठोली जी।
आओ सब मिलकर नमन करें मां को ना भेजें
वृद्धाश्रम जी।
मां के चरणों में रहने का सौभाग्य प्राप्त हो
बस मां के चरणों में ही अपना बनाएं सेवाश्रम जी।
विश्व की माताओं को नमन करते हुए अधम आकिंचन्य दासी आज मांगती है शुभ शुभ वरदान।
आने वाले बरस पर फिर मिलेंगे नयी रचना लेकर
करने माताओं का गुणगान।
लिखत पढत सोचत मन भरि भरि जात है।
मैया मेरी तू चली गई कहकर अलविदा हम सब को
ना पढ पाई मेरी लिखी तेरी महिमा गान।
यह रचना समर्पित होती है माताओं को।
शत शत नमन सभी माताओं को।
अपना पराया का भेद मिटाकर सबको गले
लगाती मां।
आंचल की शीतल छाया में लोरी मधुर सुनाती मां।
मां तुझे प्रणाम मां।
शब्द नहीं है लिखने को अंतहीन हुए जाते हैं।
बस अब कृपा करो मां तुमसे मिलने तेरे धाम आते हैं।
जय मां जय हो मां जय मां जय हो मां।
-Anita Sinha