जीवन का अंत तो यही...... पूरी ज़िन्दगी इस राख के लिये जी लि जाती.....कोई ससम्मान कोई घमंड से चूर कोई आसमान को छुता हुआ कोई जमीन पर बैठा हुआ कोई अंतिम यात्रा बहुत सुविधापूर्वक कोई को कफ़न तक नसीब नहीं फिर भी अन्त सबका यही......!!
क्यो गुरुर करता मानुस मिट्टी से बने राख मे तब्दील हो जाओगे......!!
-Madhu