*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*चाँदनी,स्वप्न,परीक्षा,विलगाव,मिलन*
1 चाँदनी
रात चाँदनी में मिले, प्रेमी युगल चकोर।
प्रणय गीत में मग्न हो, नाच उठा मन मोर।।
2 स्वप्न
स्वप्न देखता रह गया, लोकतंत्र का भोर।
वर्ष गुजरते ही गए,मचा हुआ बस शोर।।
3 परीक्षा
घड़ी परीक्षा की यही, दुख में जो दे साथ।
अवरोधों को दूर कर, थामें प्रिय का हाथ।।
4 विलगाव
घाटी के विलगाव में, कुछ नेतागण लिप्त।
उनके कारण देश यह, भोग रहा अभिशप्त ।।
5 मिलन
प्रणय मिलन की है घड़ी, गुजरी तम की रात।
मिटी दूरियाँ हैं सभी, नेह प्रेम की बात।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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