*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
1 आमंत्रण
आमंत्रण नव वर्ष को, बजे खुशी संगीत।
रूठे बिछुड़े जो खड़े, गले मिलें मनमीत।।
2 अभ्यर्थना
प्रभु से कर अभ्यर्थना, सफल करें सब काज।
रक्षा जीवन की करें, सुख शांति का राज।।
3 आचमन
बुरे कर्म का आचमन, करना मिलकर मीत।
जीवन होगा सफल तब, गाएँगे मिल गीत।।
4 अंचन
आँखों में अंजन लगा, निकली प्रिय चितचोर।
प्रेमी जन सब रीझते, नाचे मन का मोर।।
5 अंगीकार
तुमने अंगीकार कर, जगा दिया सौभाग्य।
दुख जीवन के हर लिए, भगा दिया वैराग्य।।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज