Hindi Quote in Poem by Umakant

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

1. घनन-घनन घिर-घिर आये बदरा
घनन-घनन घिर-घिर आये बदरा
घन घनघोर कारे छाये बदरा
धमक-धमक गूंजे बदरा के डंके
चमक-चमक देखो बिजुरिया चमके
मन धड़काये बदरवा, मन धड़काये बदरवा
मन-मन धड़काये बदरवा

काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूंदों के बान चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये
घिर-घिर आये, घिर के आये

कहे ये मन मचल-मचल, न यूं चल सम्भल-सम्भल
गये दिन बदल, तू घर से निकल
बरसने वाल है अब अमृत जल

दुविधा के दिन बीत गये, भईया मल्हार सुनाओ
घनन-घनन घिर-घिर…

रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा
कोयलिया गायेगी बैठेगी मुण्डेरों पर
जो पंछी गायेंगे, नये दिन आयेंगे
उजाले मुस्कुरा देंगे अंधेरों पर
प्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तनमन
धरती पे देखेंगे पानी का दरपन
जईओ तुम जहां-जहां, देखियो वहां-वहां
यही इक समां कि धरती यहां
है पहने सात रंगों की चूनरिया
घनन-घनन घिर-घिर…

पेड़ों पर झूले डालो और ऊंची पेंद बढ़ाओ
काले मेघा, काले मेघा…

आई है रुत मतवाली, बिछाने हरियाली
ये अपने संग में लाई है सावन को
ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आंचल
सजाने लाई है धरती की दुल्हन को
डाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगन
सुख अब बरसेगा आंगन-आंगन
खिलेगी अब कली-कली, हंसेगी अब गली-गली
हवा जो चली, तो रुत लगी भली
जला दे जो तन-मन वो धूप ढली
काले मेघा, काले मेघा…

(लगान)

Hindi Poem by Umakant : 111844696
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now