क्यों कहूं में चांद या फिर चांदनी तुम्हें,
क्यों कहु में फुल या फिर कली तुम्हें,
हर शायर की कलम में है तारीफ उनकी,
सोचा उनसे भी कुछ खास लिखू तुम्हें.!!
कुछ अल्फाज़ में कहा ब्या कर पाऊंगा में तुझे,
सोचता हूं तेरी तारीफ में पूरी किताब लिखू,
अभी तक न फरमाया हो जहां में किसी ने,
उन लब्जो में तेरी महोब्बत का पेगाम लिखू.!!
इंतजार है उस पल का जब साथ तुम रहो,
कब तक यूं शायरी में ब्या करता रहु,
माना कि हम शायर इतने ऊंचे नहीं,
पर तेरे नाम से मशहूर हो जाए कुछ ऐसा लिखू.!!
-Krunal Soni