गीत" साथी न कोई मंज़िल"
साथी न कोई मंज़िल
दीया है न कोई महफ़िल
चला मुझे लेके ऐ दिल
अकेला कहाँ...
हमदम कोई मिले कहीं
ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ
साथी न कोई मंजिल...
गलियां हैं अपने देस की
फिर भी हैं जैसे अजनबी
किसको कहे कोई, अपना यहाँ
साथी न कोई मंजिल...
पत्थर के आशना मिले
पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिये, जाऊँ कहाँ
साथी न कोई मंजिल...
चित्रपट: बंबई का बाबू १९६०
संगीतकार : सचिन देव बर्मन
गीतकार : मजरूह सुलतानपुरी
गायक : मोहम्मद रफ़ी
कलाकार: देवआनंद