कर गए है
खुद को न्योछावर वतन के लिए।
उन्ही बलिदानियो की गाथा को
आज मै फिर दोहराती हूँ। ।
हम कर्जदार है उनके
उन्हे शत्- शत् शीश झुकाती हूँ। ।
चले गए वो लोग मगर
उनका निशाॅ यूँ बाकी है।
खुली हवा मे सांस ले रहे क्या इतना ना काफी है।।
सरहद के प्रहरी डटे हुए है
जिससे फैली खुशहाली है।
आज स्वतन्त्रता के 75 साल हुए
पूरे भारत मे दीवाली है।।
सैनिको को समर्पित ये पंक्तियाँ
मीरा सिंह
-Meera Singh