मैं और मेरे अह्सास
दिनों बाद दोड़ के आया है नामाबर l
साजन का सन्देशा लाया है नामाबर ll
मिलों की दूरी से खैर ख़बर लाने से l
खुशियो का वरदान पाया है नामाबर ll
गाँव गाँव सायकिल पर जाके बड़ों को l
ख़ुद ख़त पढ़कर सुनाता है नामाबर ll
साखी
दर्शिता बाबूभाई शाह