हरियाली तीज।
आव सखि हमार हो । हरियाली तीज मनावे जाइब
साजन के गांव हो। आव सखि हमार हो।
चल सखि चलबे ना का ,तनि पूज आईं मंगला गौरी
मैया जी के दुआर हो। करि आईं पहले द्वाराचार हो।
हे सखि आइल बाटे हरियाली तीज के त्यौहार हो।
चल ना काहे रुसल बाडू, साजन के कौनो नाहिंन आईल खबरिया हो राम कैसे मनाईब हरियाली तीज
के त्यौहार हो। एक सखि दोसर सखि से कहतारी
सुन ना परदेश बसल मोरा साजन नाहिं बाटे पायल में अब घुंघरू के झंकार हो। ऐ सखि बताव ना कैसे करें
जाइब हम मंगला गौरी व्रत और त्योहार हो।
जोड़े जोड़े गठन बंधन क के होखेला सोहाग के त्यौहार हो। मन त भईल बाटे बेचैन। नाहिंन लौकत बा कि दिन हटे कि रैन हो।हे सखि कह ना कैसे मनाईब हरियाली तीज के त्यौहार हो।
जय मंगला गौरी महारानी सबका रहे अटल सोहाग।
मांगते हैं तेरे चरणों में शीश नवाकर बिंदी चूड़ी और आलता महाबर सोलह श्रृंगार सहित सोहाग।
कोटि कोटि प्रणाम मां।
-Anita Sinha