अच्छा किया जो भुला दिया ,
तुम मेरे हो , मेरे लिये ,
यह भ्रम खुद मिटा दिया |
लाती रही उफनती पीड़ा हृदय में ,
वह याद "तुझसे पहले न कोई बाद |"
यह कह कर धीरे -धीरे उन्हे रास्ता
दिखा दिया |
प्राणो पर, प्राण तक , पार देखा मैने देखा जिसे |
काश! साँसो की हकनब्ज हाथ मे होती मेरे,
काट कर मै भी तुम्हे तुम्हारे जैसा ही जवाब देती |