मैं और मेरे अह्सास
नया साल है आया l
नया ज़माना लाया ll
खुशियो का खज़ाना l
और सुकून है पाया ll
पिछले साल का अब l
न पड़ने देगे साया ll
देखो हर लम्हा चाहिए l
एकदूसरे की छाया ll
ख़ुदा से यही दुआ l
सलामत रहे काया ll
सादगी से जीते रहेगे l
न छू सके कोई माया ll
२-४-२०२२ सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह