सतगुरु मुझको राह चलाओ🙏
सुप्रभात 🙏
कर्तापन की चादर न उतार पाना , और अपेक्षायें ही दुःख का कारण है |
बेहतर ! जो चल रहा है चलने दो जो हो रहा है होने दो , कुछ मत रखो, कुछ मत फैंको , जो आ रहा है आने दो , जो जा रहा है जाने दो, अपना प्रयास इस स्थिति मे एकत्रित करना ही जीवन , जीवन की सरलता है |
-Ruchi Dixit