काल का पहिया घुमे भैया
लाख तरह इंसान चले
ले के चले बारात कभी तो
कभी बिना सामान चले
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
काल का पहिया घुमे भैया
लाख तरह इंसान चले
ले के चले बारात कभी तो
कभी बिना सामान चले
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
राम कृष्ण हरी
जनक की बेटी अवध की रानी
सीता भटके बन बन में