मैं और मेरे अह्सास
मखमली मुहब्बत का जतन तो कीजिए l
मन भर के प्यार का लुफ्त तो लीजिए ll
महफ़िल मे रोज साथ दोस्तों के पीते हो l
आज आँखों से नशीला जाम तो पीजिए ll
बाद मुद्दतों के मुरादों वाली रात आई है l
मुँह दिखाई मे हसी तोहफ़ा तो दीजिए ll
दुआ है, दस्तूर भी है, खुशी मौका भी है l
मिलन के इस लम्हों मे गले तो मीलिए ll
दुनिया और दुनिया वालों से हट के हो l
दिल ए मोमिन है कि फूल तरफ खीलीए ll
दर्शिता