मैं और मेरे अह्सास
आंखों में प्यार को छुपाना मुश्किल है l
होठो से प्यार को जताना मुश्किल है ll
चमकीली सी तेज खुमारी छाई हुई है l
नजरे नाज़ को झुकाना मुश्किल है ll
खुद के घर मे जो पर्दानशी हो उसे l
सरे आम छत पर बुलाना मुश्किल है ll
लम्हा लम्हा संजोए रखी हुई बहतरीन l
यादो को दिल से भुलाना मुश्किल है ll
अनजाने में कातिल सी चोट दे बैठे हैं l
आज रूठे यार को मनाना मुश्किल है ll
दर्शिता