समस्या है। तो उकेल भी है।।
घाव है। तो उपचार भी है।।
जघड़ा है। तो समाधान भी है।।
शौर है। तो शान्ति भी है।।
अविश्वास है। तो विश्वास भी है।।
असंतोष है। तो संतोष भी है।।
नफ़रत है। तो प्यार भी है।।
गम है। तो खुशी भी है।।
रोना है। तो हसना भी है।।
बीमारी है। तो दवाई भी है।।
गरीबी है। तो अमीरी भी है।।
बेकारी है। तो काम भी है।।
मजबुरी है। तो मजदुरी भी है।।
जीवन है। तो मृत्यु भी है।।
हर तकलीफ का स्वयम,
"स्वयमभु" ईलाज भी है।।
अश्विन राठोड
- स्वयमभु