दिन-रात दुआओं में उसे मांगना,
ये भी एक खता थी तुम्हारी।
मेहरबान हुआ होगा! वो परेशान होकर,
ये दुआएं बार-बार कौन मांगता है।।
बार-बार जो मांगी जाए वो भीख है,
दुआ नहीं,..
यदि मांगना पड़ जाए हरबार,
तो समझ लो की वो खुदा नहीं कोई ढीठ है।।
-सनातनी_जितेंद्र मन