स्नेही मित्रो !
नमस्कार !
धन्यवाद आप सबका कि आप लोगों को मेरा ‘कॉलम’ ‘उजाले की ओर’ पसंद आ रहा है |
मुझे जो कमेंट्स मिलती हैं ,उन पर मैं लिख नहीं पाती इसीलिए मैं यहाँ आपको धन्यवाद भी देती हूँ और स्वागत भी करती हूँ |
प्र्बुद्ध पाठकों के बिना कलमकार की कलम ठिठक जाती है | धन्यवाद आप सबका कि मेरी कलम को ठिठकने नहीं दिया |
अब जल्दी ही मैं अपने उपन्यास ‘नैन छिंदन्ति शस्त्राणि’ से आपको रूबरू करवाने जा रही हूँ | आशा है ,उसे भी आप सबका प्रेम मिलेगा | आप हैं तो हम ज़िंदा हैं ,यह सच्चाई नकारी नहीं जा सकती |
सस्नेह
आपकी मित्र
डॉ . प्रणव भारती