ख्वाहिशें ना रखो,,,
क्यूँ????
कयूँकि तुम स्त्री हो!!!
उम्मीदें ना बांधो,,,
क्यूँ???
कयूँकि तुम स्त्री हो !!!
""हाँ,,,तुम्हारे अस्तित्व को अस्तित्व में लाने वाली मैं ही हूँ,,,अपनी ख्वाहिशों को दफनाकर तुम्हारी ख्वाहिशों को प्राण देने वाली मैं,,,मैं स्त्री ही हूँ!!!!""
-Khushboo bhardwaj "ranu"