राम लौटे अवध वनवास से,
दिवाली मनाओ रे।
घर घर दीप जलाओ ,
घर को रोशन बनाओ,
खुशियाँ मनाओ रे।
दीये की ज्योति,
मन को दे शक्ति,
नफरत से मुक्ति,
घृणा द्वेष मिटाओ रे।
राम लौटे अवध वनवास से,
दिवाली मनाओ रे।
दुष्ट रावण ना जन्मे,
क्रूर कंस ना पनपे,
दया प्रेम ही बरसे,
ऐसा देश बनाओ रे।
राम लौटे अवध वनवास से,
दिवाली मनाओ रे।
-Mukteshwar Prasad Singh