#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .भार "
# कविता***
एहसान का भार ,कोई कम नहीं होता ।
जिदंगी संवारता ,अपनापन को दिखाता ।।
दिल की नजदीकता ,सबको दिखाता ।
मानवता दिखाता ,परोपकार सीखाता ।।
जिदंगी बनाता ,जिदंगी को हंसाता ।
यह हर कोई नहीं ,कर सकता ।।
जिसका दिल बड़ा हो ,वही यह उपकार करता ।
अपने लिए तो ,लोग बहुत जीते ।।
परायों के लिए जीता ,वही इंसान कहलाता ।
एहसान जताया नहीं जाता ,दिल से कबुला जाता ।।
-Brijmohan Rana