बाहर तो सिर्फ महाभारत जैसा संघर्ष ही है
सिर्फ भीतर ही रामायण जैसी परम शांति है
बाहर तो आप बहोत दौडते ही रहते हो वाला
ऐक बार भीतर की ओर दोट लगाकर तो देखो
भौतिक सुख, शांति के लिये बाहर भागते हो
भीतर की शांति का मजा ऐक बार चख कर देखो
Anil Mistri
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