परिन्दा ए दिल, फितरत उड जाना
नीला अहेसास ,नील सा रह जाना
इत्मिनान से रहना खामोशी में सदा
खबरदार ईबादत मे दिल है लगाना
होश में होना कभी ,, जोश ना खोना
इल्म रुहानियत में ही फकत है खोना
तिलमिला उठे मिजाज ए महोबत में
हकीकी में बेसुमार बस, खो ही जाना
एक ही एक बस एक में एक हो जाना
ना आना ना जाना, आप में रह जाना