#अंतरिम #देश की सच्चाई
ना जाने उस दरिन्दो के मन में हवस कहा से अाई थी ।
एक सुंदर सी कली तो खुद की बिदाई से पहले ही मुर्जाई थी।।।
बिखर कर टूट गया वो बाप, जिस दिन उसकी बेटी का बलात्कार हुआ था।
एक चुनी भी नहीं ओढ़ाई गई उस दिन, तब खुदा भी मर्द की मर्दानगी पे रोया था।।
इस आफताब की आग में जितनी रोशनी नहीं , उस ज़ालिम के जामिर में इतना अंधेरा है।
मुकर गया उसका गवाह भी वहा गवाही देने से,जिस देश में उस मासूम के बिकने का बसेरा है।।