मासूम है वो इस कदर कि
न चाह सकते है हमें...
दुनिया का बहुत रहेता उनको डर सदा...
पागल है, वैसे चाहत मै हमारी...
और लगी रहेती ऐसे आदत हमारी...
बस जमाने के कहै नही पाते बातें अपनी...
हम भी बस उनकी मासूमियत पे रहेते फिदा..
बस जान के भी हालत ऐ हमारी...
रहेती है उनहे फिकर हमारी...
कही न ले ले दुनिया के सामने नाम उनका...