लेकर पुरानी कश्ती सफ़रपर चला हूँ।
मंजिल मेरी मोहब्बत
उसे मिलने चला हूँ |
पता नहीं वो कैसे किस हालात में होगी।
सुना है मैंने उसकी जिंदगी कुछ खास न होगी।
दोनों बिछड़े थे पहले
हालात बुरे थे।
दोनों के बीच मोहब्बत के आसार बरोबर थे।
बरसो गुज़र गये, वो दिल से न उतरे।
आज मिलकर मेरे ख्वाब होंगे पुरे।
जिंदगीने दिया साथ तो
साथ-साथ चलेंगे।
पुरानी कश्ती में हमसफर चलेंगे।