वो वक़्त कुछ और था जब हम तुम साथ थे , अब साथ होकर भी अनजाने है । फिर भी दिल मैं एक आस है कि वो वक़्त कही गुज़रे ज़माने में चला जाए और वही कहीं रुक जाए जब हम तुम साथ थे । अब तो आसू भी सूख गए है बिरह में , की तुम नहीं हो साथ मेरे । हमने बहुत मनाया , दिल को भी समझाया की अब तुम साथ नहीं मेरे ।